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THE PHOTOGRAPHER

टिकट बुक होते ही आपको बता दूंगा। ठीक है बेटा अपना खयाल रखना । ये कह कर रेखा फोन रख देती है । दोपहर का समय हो चला था । हरकू बाहर बैठा कुछ गुनगुना रहा था । तभी रेखा वहा आती है , और कहती है की खाना तैयार है यही लाऊ या अंदर चलो गै । तभी हरकू कहता है , क्या तुमको याद है , जब तुम अपनी सहलियो के साथ मेरी इस दुकान पर आई थी घर वालो से छुप कर फ़ोटो खिचवाने के लिए । तब मेने तुम को पहली बार इस गांव मै देखा था । और तुम्हे दिल दे बैठा था । ये सुन रेखा शर्माती हुई कहती है क्या आप भी इतनी पुरानी बात ले कर बैठ गए आज , तभी हरकू कहता है तुम्हे पता है तुम्हारी इजाजत के बगैर ही मे ने तुम्हारी एक फ़ोटो अपने पास रख ली थी । ये सुन रेखा कहती है जी मै जानती हू ओर उसको आप अपने बटुए मैं छिपा कर रखते थे की कही कोई देख ना ले ओर जब बाहर निकाला जब हमारी शादी हो गई । ये सुन हरकू अचंबय मै आ गया ओर बोला तुम्हे ये सब केसे पता । तब रेखा मुस्कुराते हुए कहती हे , मेरे पति परमेश्वर अब आप की उम्र हो चली है और आप को भूलने की बीमारी भी  ये बात आपने हजारियो बार मुझसे कही है कि अब तो मुझे याद हो गई है । ये सब सुन हरकू के उदास पड़े चेहरे पर एक मुस्कुराहट सी आई ओर बोला मेरे लिए तो कल की ही बात लगती है । मे तो उस लम्हे को हमेशा याद करते रहना चाहता हू । रेखा कहती है मोहन आ रहा है अपनी फैमिली को लेकर कुछ दिनों मै सर्दियों की छुट्टी पर वो कह रहा था कि ये दुकान बेच कर हम सब को शहर ले जाएगा घर अभी नही बेचेगा यहां कुछ किरायदार डाल दे गा । ये सुन कर मानो हरकू के पेरो तले जमीन निकल गई । उस का दिल बैठ सा गया उसे ऐसा लगा मानो किसी ने उसके शरीर से आत्मा को निकलने की बात करी हो । वो पास मै पड़ी खाट से टिक सा गया । वो कर भी क्या सकता था वो समझ सकता था कि बड़े होकर बच्चो पर मां बाप का कोई इख्तियार नही होता जैसा बच्चे चाहते हे उसी मै बूढ़े मां बाप को खुश रहना पढ़ता हे । ये सब सुन हरकू की भूख मिट सी गई । वो लालसा भरी नजरो से अपनी दुकान को देखता रहा जैसे एक मां अपने बच्चे को प्यार भरी नजरो से निहारती हे। रेखा दोबारा से भोजन करने का कहती है ओर वो भूख नही है कह कर मना कर देता हैं । रेखा उससे कहती है , मे जानती हू कि आप को इस दुकान इस घर ओर इस गांव से कितना प्यार हे । पर आप समझने की कोशिश क्यू नही करते की जमाना बदल चुका हे नई - नई टेक्नोलॉजी आ गई हैं अब हर बच्चे , बढ़े ओर बूढ़े के पास अपना खुद का कैमरा या मोबाइल है जिस पर वो अपनी तस्वीर उतारते रहते है । अब किसी को शोक नही रहा फ़ोटो खिचवाने का आज कल के नौजवानों ओर बच्चो के पास समय नहीं हैं की वो इन बाबा आदम के जमाने के कैमरे से अपनी फ़ोटो बनवाए ओर देखने के लिए हफ्तों इंतजार करे । आज कल के बच्चों के पास मोबाइल है कंप्यूटर है ओर ना जाने क्या क्या टेक्नोलॉजी की इजाद करदा चीजे । मेरी बात मान लीजिए इस को बंद कर दीजिए ओर अंदर चलिए साथ मै खाना खाते है ओर फिर आराम करे । सर्दी भी बढ़ने लगी है लगता है आज रात भी काफी बर्फ बारी होगी । हरकू ने उसकी इन बातो का कोई जवाब नही दिया । रेखा बोली मै यही आपको खाना लाए देती हू जब भूख लगे तब खा लेना ये कह कर वो घर के अंदर चली जाती हैं । पर हरकू अपनी जगह पर ही बैठा रहा उसकी पत्नी की कही हर बात मानो तीर की तरह उसके सीने पर लगी हो । उसकी आंखे नम थी वो रोना चाहता था पर रो नही पा रहा था वो उस घर उस गांव और उस दुकान को छोड़ कर जाने का सोच भी नही सकता था । एक मोहब्बत सी थी हरकू को अपने काम ओर उस दुकान से जब भी कोई उससे उसे बेचने को कहता तो उसको ऐसा लगता मानो कोई उससे उसके वजूद का सौदा कर रहा हो । उस घड़ी वो मन ही मन खूब रोया पर वो कुछ कर नही सकता था क्योंकि वक्त बदल चुका था । जिस दुकान पर कभी लोगो की लाईन लगी होती थी । आज उसी दुकान के सामने से लोग गुजर जाते थे ओर उसको पलट कर भी नही देखते थे न उसे न उस की दुकान को । हरकू को ठंड सी महसूस हुई। तभी उसने ठंडे हो चुके अलाव को फिर से गरम किया ओर हाथ सेखने लगा । ओर ना चाहते हुए भी उसने थोड़ा खाना खाया । उसकी उम्र भी काफी हो चुकी थी । वो बीमार भी रहने लगा था । लेकिन वो कभी किसी को बताता नही था । क्योंकि वो जनता था अगर उसने किसी को अपनी बीमारी का बताता तो कोई भी उसे दुकान पर आने नही देता । इसलिए उसने किसी को कुछ नही बताया । लेकिन उस की पत्नी रेखा जो सब कुछ जानती थी कि हरकू अब बीमार रहता है फिर भी वो उसको ज्यादा घर मे रहने का नही कहती क्योंकि वो जानती थी की अगर हरकु को दुकान जाने से रोका तो वो ओर बीमार हो सकता हैं ओर भगवान न करे कि

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2 Comments

Inayat

17-Jan-2022 04:22 PM

Bahut achcha likhate hn aap

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Mohammed urooj khan

18-Jan-2022 11:44 AM

Shukriya

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